विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस सप्ताह रूस ने जिस टीके को मंजूरी दी है, वह उन नौ में शामिल नहीं है जिन्हें वह परीक्षण के उन्नत चरणों में मानता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और साझेदारों ने एक निवेश तंत्र के अंतर्गत नौ प्रयोगात्मक कोविड-19 टीकों को शामिल किया है।
डब्ल्यूएचओ विभिन्न देशों को ”कोवेक्स सुविधा” के नाम इस निवेश तंत्र से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। कोवैक्स कार्यक्रम के तहत सभी देशों को टीका मुहैया कराने का लक्ष्य है। कोवैक्स कार्यक्रम के तहत कोई भी देश निश्चित रकम निवेश कर टीके की पहली खुराक पा सकता है। इस रकम का इस्तेमाल गरीब देशों को सस्ता टीका देने में किया जाएगा।
संगठन के महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ ब्रूस एल्वार्ड ने कहा, ”इस समय रूस के टीके को लेकर फैसला करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सूचना उपलब्ध नहीं है। हम उस उत्पाद की स्थिति, परीक्षण के चरणों और अगला क्या हो सकता है, उस पर अतिरिक्त सूचना के लिए रूस से बातचीत कर रहे हैं।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार (11 अगस्त) को ऐलान किया था कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ पहला टीका विकसित कर लिया है जो कोविड-19 से निपटने में ”बहुत प्रभावी” ढंग से काम करता है और ”एक स्थायी रोग प्रतिरोधक क्षमता” का निर्माण करता है। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा किया कि उनकी बेटियों में से एक को यह टीका पहले ही दिया जा चुका है।
टीके को गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और रूस के रक्षा मंत्रालय ने सुयंक्त रूप से विकसित किया है। इसका परीक्षण 18 जून को शुरू हुआ था जिसमें 38 स्वयंसेवी शामिल थे। इन सभी प्रतिभागियों में कोविड-19 के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई। पहले समूह को 15 जुलाई और दूसरे समूह को 20 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।