विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आपात सेवा प्रमुख ने कहा है कि कोविड-19 अन्य वायरस की तरह मौसम के हिसाब से नहीं चलता। इन्फ्लुएंजा जैसे वायरस संक्रमण जहां मुख्य रूप से सर्दी में होते हैं, वहीं कोरोना वायरस महामारी गर्मियों में भी प्रकोप दिखा रही है, जबकि कुछ वैज्ञानिकों और नेताओं ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि गर्मियों में कोरोना वायरस का असर कम हो जाएगा।
डॉ माइकल रियान ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ”वायरस ने अब तक मौसम के हिसाब से पैटर्न नहीं दिखाया है। इसने स्पष्ट दिखाया है कि अगर आप वायरस से दबाव हटाते हैं तो यह पटलवार करता है।” रियान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी उन देशों को भी वायरस का प्रकोप कम करने के लिए कदम उठाते रहने के लिए लगातार परामर्श दे रही है जहां कोविड-19 काबू में आता दिख रहा है, जिनमें यूरोप के भी कुछ देश शामिल हैं।
रक्त जांच बता सकती है, क्या आपको है कोविड-19 का खतरा
वहीं, वैज्ञानिकों का कहना है कि एक सामान्य सी रक्त जांच यह बता सकती है कि किन लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का अधिक खतरा है। अनुसंधानकर्ताओं ने रक्त में एक ऐसे खास अणु संकेतक की पहचान की है जो कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम पांच से 10 गुना तक बढ़ा देता है।
फिनलैंड के हेलसिंकी स्थित जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नाइटिंगेल हेल्थ के वैज्ञानिकों के अनुसार इस जांच को यह पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है कि संक्रमण से बचने के लिए किन लोगों को विशेष सावधानी बरतने और किन लोगों को कोविड-19 का टीका पहले दिए जाने की आवश्यकता होगी।