नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोनावायरस की वजह से कामगारों के पलायन को रोकने और 24 घंटे के भीतर इस महामारी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिये एक पोर्टल बनाने का केन्द्र को मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि इस पोर्टल से महामारी से संबंधित सही जानकारी जनता को उपलब्ध करायी जाये।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंंिसग के माध्यम से दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र को यह निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘‘यह दहशत वायरस से कहीं ज्यादा ंिजदगियां बर्बाद कर देगी।’’ साथ ही पीठ ने केन्द्र से कहा कि देश के तमाम आश्रय गृहों में पनाह लिये इन कामगारों का चित्त शांत करने के लिये प्रशिक्षित परामर्शदाताओं और सभी आस्थाओं के समुदायों के नेताओं की मदद ले।’’
केंद्र ने न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि कोई भी ंिप्रट, इलेक्ट्रॉनिक या अन्य मीडिया संस्थान कोरोना वायरस से जुड़ी कोई भी जानकारी सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तंत्र से प्रमाणित कराए बिना प्रकाशित या प्रसारित नहीं करेगा।
सरकार ने कहा कि यह अभूतपूर्व स्थिति हैं और ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक,ंिप्रट, सोशल मीडिया या वेब पोर्टल पर इरादतन या गैर इरादतन गलत या भ्रमित करने वाली जानकारी से बड़े पैमाने पर लोगों में अफरा-तफरी फैलने का जोखिम रहता है। सरकार ने कहा कि अफरातफरी फैलाना यद्यपि आपराधिक मामला है इसके बावजूद शीर्ष न्यायालय से समुचित दिशानिर्देश ‘‘देश को किसी भी तरह की गलत खबर से मचने वाली संभावित अफरा-तफरी से बचाएंगे।’’