लखनऊ। सरकार 20 लाख प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की चुनौती को अवसर में बदलने में जुटी है। योगी सरकार ने श्रमिकों और कामगारों की सुरक्षित वापसी के साथ ही लेबर रिफार्म कानून के जरिए गांवों व कस्बों में ही नौकरियां और रोजगार देने की योजना बनाई है। सीएम योगी आज टीम-11 की बैठक में इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर बैठक की। बैठक में बाहर से आ रहे 20 लाख प्रवासी श्रमिकों / कामगारों का क्वारंटीन सेंटरों में ही तेजी से स्किलिंग डाटा तैयार करने के निर्देश दिए गए। अब तक 8 लाख प्रवासी श्रमिक और कामगार यूपी पहुंच चुके हैं। पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक यूपी पहुचे है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने सबसे पहले श्रमिकों कामगारों को वापस लाना शुरू किया था और अब तक सबसे ज्यादा लोगों को सुरक्षित ला चुकी है। प्रतिदिन 35 से 40 ट्रेनों से प्रवासी कामगार यूपी पहुंच रहे है।
विदेशों में फंसे प्रवासी कामगारों / श्रमिकों को भी आज शारजाह से लेकर पहली फ्लाइट लखनऊ पहुंचेगी। इस फ्लाइट में यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के वे कामगार और श्रमिक मौजूद हैं जो रोजगार के लिए खाड़ी देश गए थे। सभी प्रवासी श्रमिकों / कामगारों को सरकारी क्वारंटीन सेंटरों में स्वास्थ्य जांच के पश्चात राशन पैकेट व भरण पोषण भत्ता देकर होम क्वारंटीन में भेजा जाएगा। इससे पहले आनंद बिहार बस स्टेशन पर बसें भेजकर योगी आदित्यनाथ ने अपने कामगारो व श्रमिकों की सम्मानजनक वापसी कराई थी।
क्वारंटीन पीरियड पूरा होते ही सरकार सभी प्रवासियों के रोजगार और नौकरी की व्यवस्था पर भी ध्यान दे रही है। मनरेगा, ईंट भट्ठों के अलावा चीनी मिलों और एमएसएमई सेक्टरों में रोजगार उपलब्ध कराने पर यूपी सरकार काम कर रही है। सबको नौकरी अथवा रोजगार देने के लिए योगी सरकार लेबर रिफार्म कानून ला रही है। लेबर रिफार्म कानून से प्रवासी श्रमिकों / कामगारों को बड़ा फायदा होगा साथ ही रोजगार सृजन की व्यापक संभावनाएं भी बढेंगी और यूपी की अर्थव्यवस्था तेजी से पटरी पर लौटेगी। लेबर रिफार्म में हर कामगार और श्रमिक को रोजगार या नौकरी के साथ ही न्यूनतम 15 हजार रूपए वेतन की गारंटी दी जाएगी साथ ही उसके काम के घंटों और सुरक्षा की गारंटी भी इस कानून के तहत दी जाएगी।