लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बीते 19 दिसम्बर को शहर के बड़े हिस्से में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारियों ने ठाकुरगंज से हजरतगंज के बीच 3 थाना इलाकों के 7 किलोमीटर के दायरे में उत्पात मचाया था। अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हिंसा में शामिल उन 27 प्रदर्शनकारियों की पहचान करते हुए उनके खिलाफ गैंगस्टर लगाने का फैसला किया है।
लखनऊ के एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि 19 दिसम्बर को थाना ठाकुरगंज क्षेत्र में हिंसक भीड़ द्वारा चौकी सतखंडा में आगजनी एवं पथराव की घटना के 27 अभियुक्तों के विरूद्ध आज गैंगस्टर अधिनियम के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है। सभी के नाम कोर्ट में भेज दिए गए हैं।
150 से अधिक लोगों को नोटिस दिया था
19 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद लखनऊ के चार थाना क्षेत्रों में हिंसा फैल गई थी। इनमें हसनगंज-13 ठाकुरगंज -10, हजरतगंज-28 और कैसरबाग से 6 लोगों के नाम शामिल हैं। तोड़फोड़ रने वालोंने इलाके में निजी वाहनों को आग लगा दी थी। राज्य सरकार नेभरपाई उपद्रवियों से करवाए जाने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने फोटो-वीडियो के आधार पर 150 से अधिक लोगों को नोटिस भेजे थे। इनमें जांच के बाद मिले सबूतों के आधार पर प्रशासन ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया था।
आरोपियों से रिकवरी के आदेश जारी हो चुके हैं
वहीं डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा- चार थाना क्षेत्रों में एक करोड़ 88 लाख 62 हजार 537 रुपए की रिकवरी के तीन आदेश जारी किए जा चुके हैं। पुलिस द्वारा सबूत उपलब्ध करवाए जाने के बाद बाकियों से भी वसूली की जाएगी।सभी को नोटिस जारी होने की तारीख से 30 दिन का समय दिया गया है। अगर निर्धारित समय तक शुल्क नहीं जमा किया गया तो फिर संपत्ति कुर्क की जाएगी। इससे बाकियों को भी सबक मिलेगा कि किसी के बहकावे में न आएं। न किसी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएं, अन्यथा उनकी फोटो भी सार्वजनि की गई हैं।