यूरोप के देश एक बार फिर संक्रमण का केंद्र बनने लगे हैं। इसी को देखते हुए जर्मनी में टीकाकरण अनिवार्य किया जा रहा है। वहां की सरकार ने माना है कि देश में चौथी लहर आ चुकी है। जबकि दूसरी तरफ ऑस्ट्रिया में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सोमवार से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा दिया गया है।
ऑस्ट्रिया समेत यूरोप के कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं जिसका वहां की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर बुरा असर पड़ रहा है। ऑस्ट्रिया में लगा लॉकडाउन अधिकतम 20 दिन तक चलेगा, हालांकि 10 दिन के बाद इसका पुन: आकलन किया जाएगा।
इस दौरान लोगों के अनावश्यक रूप से बाहर जाने पर रोक होगी, रेस्तरां तथा ज्यादातर दुकानें बंद रहेंगी और बड़े आयोजन रद्द कर दिए जाएंगे। स्कूल और ‘डे-केयर सेंट’ खुले तो रहेंगे, लेकिन अभिभावकों को बच्चों को घर पर रखने की सलाह दी गई है।
ऑस्ट्रिया में लॉकडाउन की पाबंदियां 13 दिसंबर को हटाई जा सकती हैं लेकिन संभव है कि उन लोगों के लिए पाबंदियां जारी रहें, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है। इससे एक दिन पहले, रविवार को मध्य विएना के बाजारों में क्रिसमस की खरीदारी करने वालों और घूमने-फिरने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
महामारी के बीच दुनिया में पिछड़ रहा लोकतंत्र : रिपोर्ट
अंतर सरकारी निकाय ‘इंटरनेशनल आइडिया’ या अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र व चुनाव सहयोग संस्थान ने की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में महामारी के बीच लोकतंत्र पिछड़ रहा है। कई देश अनावश्यक रूप से अलोकतांत्रिक कार्रवाई कर रहे हैं और कई लोकतांत्रिक सरकारें पीछे हटती दिखाई दे रही हैं। स्वीडन स्थित इस निकाय ने कहा है कि उन देशों में भी हालात खराब हो रहे हैं जो लोकतांत्रिक नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलिया : पूर्ण टीकाकरण वाले विदेशी छात्रों व कामगारों के स्वागत को तैयार
ऑस्ट्रेलिया की सरकार उम्मीद कर रही है कि जब देश अगले सप्ताह महामारी प्रतिबंधों में और ढील दे देगा तब टीकाकरण पूरा करा चुके दो लाख विदेशी विद्यार्थी और कुशल कामगार जल्द से जल्द देश लौट आएंगे और उन्हें क्वारंटीन रहने की जरूरत नहीं होगी।
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि एक दिसंबर से, छात्रों, कुशल श्रमिकों और कामकाजी छुट्टियों पर यात्रियों को सिडनी और मेलबर्न हवाई अड्डों पर यात्रा प्रतिबंध से छूट मांगे बिना उतरने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा, कुशल श्रमिकों और विद्यार्थियों की वापसी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के हमारे रास्ते में मील का एक प्रमुख पत्थर है।