दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के खतरे के बीच भारत सरकार अब तक चीन, ईरान समेत कई देशों से अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस ला चुकी है। अब यूक्रेन में भी भारतीय छात्रों को लेकर कुछ ऐसी ही समस्या पैदा हो गई है।
यूक्रेन में कोरोना वायरस धीरे-धीरे पांव पसार रहा है। यहां अभी तक 300 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यूक्रेन में बहुत से भारतीय छात्र हैं, जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। ओडेसा शहर की ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी 250 से 300 भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
इन्हीं में से कुछ छात्रों ने अपने डर को साझा किया। उन्होंने कहा कि वे मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले हैं। द्वितीय वर्ष में हैं। फोन पर हुई बातचीत में मनीष ने वहां के हालात के बारे में बताया।
उन्होंने बताया, ‘हम लोगों के शहर में कुछ दिन पहले तक कोई केस नहीं था और अब 6 केस हो गए हैं। यहां शहरों को लॉकडाउन नहीं किया गया है। इसलिए वायरस के फैलने की आशंका और भी ज्यादा है। इटली, स्पेन से बहुत से लोग यूक्रेन आते हैं।’
स्थानीय भाषा का जानना भी बड़ी बाधा
छात्र बताते हैं कि भारत की तुलना में यहां डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। उस पर यहां की भाषा हमें नहीं आती, जो अपने आप में बड़ी समस्या है। हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या भाषा बाधा है क्योंकि हम रूसी या यूक्रेनी भाषा में धाराप्रवाह नहीं हैं।
खाने के लिए भी परेशानी
इन छात्रों के सामने खाने-पीने की भी समस्या खड़ी हो गई है। ये छात्र अधिकतर उत्तर प्रदेश से हैं और एक निजी हॉस्टल में रहते हैं। इनकी मेस एक समय का खाना बनाना बंद कर चुकी है। पांच अप्रैल से दोनों टाइम का खाना बंद होने वाला है। खुद ही बाहर जाकर हफ्ते भर का राशन लाते हैं और खाना बना रहे हैं।
भारतीय दूतावास से मांग चुके मदद
छात्रो के अनुसार हम भारतीय छात्रों ने घर लौटने के लिए भारतीय दूतावास से भी संपर्क कर चुके हैं। मगर वहां से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उनका कहना है कि भारत सरकार से निर्देश मिलने के बाद ही कुछ किया जाएगा। अधिकारी ने दो टूक कह दिया कि चुपचाप अपने कमरे में बैठे रहो और हमारी एडवाइजरी पढ़ते रहो। ये छात्र पीएमओ, विदेश मंत्रालय, भारतीय दूतावास कीव, यूक्रेन समेत कई अधिकारियों को ट्वीट कर मदद मांग चुके हैं।