लखनऊ। कोरोना महामारी से हर मोर्चे पर मजबूती से लड़ रही प्रदेश की योगी सरकार के सामने अब घर लौट रहे प्रवासी श्रमिक और कामगार बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से यूपी लौट रहे प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं। रविवार को 170 प्रवासी श्रमिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए और अब तक कुल 1554 प्रवासी कामगार कोरोना पॉजिटिव मिले हैं, जो कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का करीब 26 फ़ीसदी हैं। इतना ही नहीं, प्रवासी मजदूरों और कामगारों की वजह से ही अब गांवों में भी कोरोना वायरस अपना पैर पसार रहा है।
अब तक यूपी के सभी 75 जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण पहुंच चुका हैं। प्रवासी कामगारों की बात करें तो इनमें वाराणसी के 17, अमरोहा में 16, देवरिया में 14, गोरखपुर में 13, रामपुर में 11, बरेली में 7, जौनपुर और कन्नौज में 6-6, मुजफ्फरनगर , संभल, गोंडा, संतकबीर नगर, फतेहपुर ,महोबा और हरदोई में 5-5, उन्नाव, सिद्धार्थनगर और हापुड़ में 4-4, बस्ती, सहारनपुर और आजमगढ़ में 3-3, मऊ ,फतेहपुर और कासगंज में 2-2 प्रवासी श्रमिक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इसके अलावा गाजीपुर, चंदौली, इटावा ,फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, बहराइच, अमेठी, रायबरेली, हाथरस, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, बलरामपुर, मुरादाबाद, महाराजगंज, बुलंदशहर, अलीगढ़, अंबेडकर नगर और कुशीनगर में एक-एक प्रवासी श्रमिक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इस तरह पिछले 13 दिनों में 1554 प्रवासी श्रमिक और उनके बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। अब सरकार के लिए इनके इलाज के साथ ही रोज़गार दिलाने के लिए नई रणनीति बनानी होगी।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के अनुसार अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से प्रदेश में 21 लाख से ऊपर कामगार मजदूर वापस अपने घरों को आ चुके हैं। अभी भी ट्रेनों के चलने का सिलसिला जारी है और अगले कुछ दिनों में भारी तादाद में कामगार मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने घरों को पहुंच जाएंगे। उत्तर प्रदेश में मजदूरों की आमद का सिलसिला दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता भी पैदा कर रहा है। एक तरफ प्रदेश में लगातार जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी, वहीं प्रवासी मजदूरों के आने से यह समस्या कई गुना ज्यादा बड़ी होती हुई दिखाई दे रही है।