नई दिल्ली। भारत में खेले जाने वाले पहले डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर सचिन ने कहा कि जब तक ओस मैच को प्रभावित नहीं करती तब तक यह अच्छा कदम है लेकिन अगर ओस का प्रभाव पड़ता है तो तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि एक बार गेंद गीली हो गई तो ना तो तेज गेंदबाज अधिक कुछ कर पाएंगे और ना ही स्पिनर। इस तरह से गेंदबाजों की परीक्षा होगी लेकिन अगर ओस नहीं होती है तो यह अच्छा कदम होगा। सचिन ने डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर भारतीय बल्लेबाजों को कुछ अहम सलाह दी।
गेंद के बर्ताव के हिसाब से रणनीति बनाएं : शोएब अख्तर हों या शेन वॉर्न, किसी भी गेंदबाज का सामना करने के लिए तेंदुलकर पूरी तैयारी के साथ उतरते थे और उन्होंने नेट सत्र के लिए भारतीय बल्लेबाजों को टिप्स भी दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बल्लेबाजों को नेट पर अलग-अलग तरह की गेंदों के साथ अभ्यास करने की जरूरत है। नई गुलाबी गेंद, 20 ओवर पुरानी गुलाबी गेंद, 50 ओवर पुरानी गुलाबी गेंद और 80 ओवर पुरानी गेंद। देखना होगा कि नई गेंद, थोड़ी पुरानी और पुरानी गेंद किस तरह बर्ताव करती है। इसके अनुसार अपनी रणनीति बनाओ।
इस साल दलीप ट्रॉफी डे-नाइट नहीं होने के कारण तेंदुलकर ने भारतीय टीम से अपील की कि वह उन सभी खिलाडि़यों से सुझाव लें जो पिछले तीन साल इस प्रतियोगिता में खेले। दलीप ट्रॉफी मैच दूधिया रोशनी में खेले गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय लड़कों को उन सभी खिलाडि़यों से भी सलाह लेनी चाहिए जो दलीप ट्रॉफी में खेले और उनके पास साझा करने के लिए कुछ चीजें होनी चाहिए।