लखीमपुर खीरी। तिकुनिया हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू के आत्मसमर्पण के बाद जिला अदालत में सुनवाई जोर पकड़ने की उम्मीद बढ़ गई थी लेकिन कानूनी दांव-पेंच को लेकर मंगलवार को भी डिस्चार्ज एप्लीकेशन का निस्तारण होना संभव नहीं दिख रहा है। क्योंकि तिकुनिया कांड में आरोपित 14 आरोपियों में केवल आशीष मिश्र मोनू की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन देते हुए कहा गया था कि उसके खिलाफ कार्यवाही का कोई आधार नहीं है। अदालती पत्रावली में ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके।
आशीष मिश्र की डिस्चार्ज एप्लीकेशन के खिलाफ आपत्ति दाखिल करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता ने पिछली पेशी पर समय मांगा था। सूत्र बताते हैं एसआईटी और पुलिस की ओर से कुछ बिंदुओं पर डिस्चार्ज एप्लीकेशन के उठाए गए सवालों पर अभियोजन पक्ष की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। ऐसे में जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से आपत्ति नहीं तैयार कराई जा सकी है। इन हालात में डिस्चार्ज एप्लीकेशन का निस्तारण पशोपेश में है।
वहीं, तिकुनिया कांड के सह आरोपी अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच आरोपियों की ओर से अदालत में पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि एसआईटी की ओर से अभियुक्तों को 164 सीआरपीसी के तहत दर्ज कराएंगे कलमबंद बयानों की नकल नहीं दी गई थी। उन्होंने अपने स्तर से यह नकल फौजदारी सेक्शन से पिछले 15 दिनों से आवेदित कर रखी है लेकिन अभी तक उन्हें नकली नहीं उपलब्ध कराई गई हैं। ऐसे में पांचों आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन नहीं तैयार हो सकी है। लिहाजा मंगलवार को भी उनकी ओर से कुछ समय दिए जाने की प्रार्थना की जाएगी।
मांगें पूरी न हुईं तो 12 मई को बड़ा प्रदर्शन
तिकुनिया हिंसा मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, घायलों को मुआवजा देने और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के विरुद्ध धारा 120 बी के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने डीएम और एसपी से मुलाकात की। चढूनी ने बताया कि अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो 12 मई को लखीमपुर खीरी में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।