नई दिल्ली। वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन किसी वरदान से कम नहीं होती, पेंशन अच्छी-खासी हो, तो बात ही क्या। रिटायरमेंट की उम्र के बाद की जरूरतों को पूरा करने में पेंशन बहुत मददगार साबित होती है। इन्हीं कारणों को देेेेेेखते हुए मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना लॉन्च की थी। इस योजना में तय दर के हिसाब से गारंटीड पेंशन मिलती है। ग्राहक भारतीय जीवन बीमा निगम को एकमुश्त रकम का भुगतान कर हर महीने एक निश्चित राशि प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना 31 मार्च 2020 तक ही खुली है।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना यानी PMVVY में निवेश की न्यूनतम उम्र 60 साल रखी गई है और निवेश के लिए अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। इस योजना में ग्राहक अधिकतम 15 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं।
इस तरह करें आवेदन
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में आवेदन के लिए ग्राहकों को (भारतीय जीवन बीमा निगम) LIC की वेबसाइट के लिंक https://eterm.licindia.in/onlinePlansIndex/pmvvymain.do पर विजिट करना होगा। यहां से ग्राहक योजना का फॉर्म लेकर, उसके साथ अपने जरूरी दस्तावेज लगाकर LIC के किसी भी ऑफिस जाकर जमा करवा सकते हैं। इस योजना में ऑनलाइन निवेश की सुविधा भी दी गई है।
PMVVY योजना में निवेश के लिए ग्राहकों को निम्न दस्तावेज जमा करवाने होंगे-
1.एड्रेस प्रूफ की कॉपी
2.पैन कार्ड की कॉपी
3.चेक की कॉपी या बैंक पासबुक के पहले पेज की कॉपी
इतनी होगी पेंशन
इस योजना के अंतर्गत कम से कम 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये तक पेंशन दी जाती है। ग्राहक अगर 1,000 रुपये प्रति माह की पेंशन चाहते हैं, तो उन्हें 1,50,000 रुपये जमा करवाने होंगे। वहीं, अगर वे 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन पाना चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए 15,00,000 रुपये जमा करवाने होंगे।
जानिए कितना मिलेगा रिटर्न
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के सदस्यों को सालाना 8 से 8.30 फीसद तक का रिटर्न मिलता है। रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि ग्राहक पेंशन का भुगतान मासिक, मिमाही, छमाही या सालाना आधार पर चाहते हैं।
लोन की भी है सुविधा
इस योजना में जब ग्राहक को निवेश किए हुए तीन साल हो जाते हैं तो उन्हें लोन की सुविधा भी मिलती है। लोन की अधिकतम राशि खरीद की कीमत की 75 फीसद तक हो सकती है। वहीं, लोन पर ब्याज की दर आवधिक तौर पर निर्धारित की जाती है। यहां आपको बता दें कि लोन का ब्याज पेंशन की राशि से काटा जाता है और बकाए लोन की रिकवरी योजना से निकासी के समय की जाती है।