अगरा। आगरा के शाहगंज क्षेत्र में शनिवार सुबह एक मजदूर के दो बेटों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बड़ा बेटा सात साल और छोटा पांच साल का था। बुखार, खांसी-जुकाम की शिकायत पर परिजन इलाज करा रहे थे। कोरोना संक्रमण से मौत का हल्ला मचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नमूने लिए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
प्रकाश नगर निवासी दंपती एक जनप्रतिनिधि के यहां पर काम करते हैं। उनके सात साल के बेटे को एक सप्ताह से बुखार, खांसी-जुकाम की शिकायत थी। परिजन एक चिकित्सक से इलाज करा रहे थे। एक वैद्य से भी दवा ली थी। दो दिन पहले श्रमिक के पांच साल के बेटे की भी तबीयत खराब हो गई। उसे भी दवा दिलाने लगे।
परिजनों ने बताया कि शनिवार सुबह दोनों ने चाय पी और बिस्कुट खाए। जिसके बाद बड़े बेटे की हालत बिगड़ गई। उसे बोदला स्थित अस्पताल ले गए। यहां भर्ती नहीं किया तो पंचकुइयां स्थित अस्पताल लाए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आधा घंटे बाद घर पहुंचे तो छोटे बेटे की भी तबीयत खराब थी। उसे अस्पताल ले गए। चिकित्सक ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
मोहल्ले में हल्ला मच गया कि कोरोना के कारण दोनों की मौत हुई है। पुलिस आ गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम आई और बच्चों के पिता, दादा और बुआ सहित अन्य परिजनों से पूछताछ की। जांच के लिए सैंपल लिए हैं। थाना शाहगंज के प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि बच्चे बीमार थे। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने पर ही मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
दो बेटों की मौत से मां-बाप का हाल बेहाल है। मां के आंसू नहीं रुक रहे हैं। परिजन समझ नहीं पा रहे हैं आखिर दोनों को क्या हुआ। उधर, पुलिस ने बस्ती के लोगों को मृतक बच्चों के घर से दूर रहने की हिदायत दी। टीम भी परिजनों से दूर रहकर ही बात करती रही।
परिजन शाम को पैकेट का दूध लेकर आए थे। पुलिस ने परिजनों से दूध के पैकेट के बारे में जानकारी ली है। आशंका यह भी है कि दूध खराब हो गया हो। उससे ही चाय बनाई गई।